Sunday, November 20, 2011

उनसे मुलाक़ात का असर.....! .......................................!!

एक नज़र उसकी कहर ढाती है, 
एक कदम उसकी चाल लहराती है!!

 
दुआ देते हैं हम दीवाने जब तू आती-जाती है, 
गिरतें-उठते हैं लोग और तू हस्ती जाती है!!

कोई मन-ही-मन में हजारों बातें कर लेता है, 
कोई आँखों-आँखों में मुलाकात कर लेता है!!

 
बड़ी मुश्किल होता है उन्हें समझाना, जब

कोई ख़मोश रहकर भी सवाल कर जातें है!!

कुछ मदहोशी तो उसकी बातों की है, 
कुछ नशा तो धीमी बरसात का है !!

 
अरे यारों हमें तुम युही शराबी ना समझो, 
ये दिल पर असर तो उनसे मुलाक़ात का है!! 

ये तो दिल का कसूर है मेरा नहीं यारों जो,

रहता है मेरे सीने में बन के किसी और का यारों!!
  
ना खुदा दिल बनता, ना किसी-को-किसी से प्यार होता, 
ना किसी की याद अति ना किसी का इंतजार होता!!


चालों यारों अब क्या करना.........!
 
जब खुदा ने दिल दिया है तो इसे संभाल के रखों,
ये शीशे से भी नाजूक है, इसे पत्थर से दूर रखना!!