Monday, January 23, 2012

यू तुम मुझसे रूठा ना करो ...................................!!

यू तुम मुझसे खफ्फा क्यूँ हो ?
तुम्हें मुझसे गिला क्या है ?
अचानक बेरुखी क्यूँ इतनी ?

बता भी दो मेरा खता क्या है ?
मनाऊं किस तरह तुम को ?

मुझे इतना तो बतला दो !

मेरी मंजिल मोहब्बत है,
मुझे मंजिल पे पंहुचा दो !


यू तुम खफ्फा ना हो मुझसे !

ये तुम्हारी आँख में पानी
अब मुझे मुझे भी रुला रही है !

ये तुम्हारे नर्म होंटों की गिला
अब मुझे भी उदासी दिला रहा !

अब चलो मुस्कुरा भी दो 
तुम्हारे मुस्कुराने से,
मेरा दिल मुस्कुराता है !

यू तुम मुझसे रूठा ना करो 
तुम्हारे रूठ जाने से,
मेरा दिल टूट जाता है !!

!!------Mishra--------!! 

Friday, January 6, 2012

ख़ुशी है तेरे आने की.......!!

तेरे आने के आसरे पे काटें हैं ज़िन्दगी के दिन
ख्वाब-ओ-ख्याल हो गए थे मेरी ख़ुशी के दिन !!

तुम आए हमारे आशियाँ में, ये खुदा की कुदरत है
कभी हम तुमको, कभी अपने जहाँ को देखते हैं!!

तुम छुप के आये हो डरते हुए मेरे आशियाँ में
किसी और को ना खुदाया खबर करे कोई !!
है खबर गरम चारो ओर तेरे आने की
आज हमारा दिल ख़ुशी में डुब्बा है !!


आज हमे ख़ुशी है तेरे आने की.......!!