Saturday, September 22, 2012

दोस्ती.............................!

ए दुनियां वालों तुझे क्या कहूँ,
जब अपनों ने ही कुछ कहने ना दिया!
जब जरूरत थी मुझे उनकी......!!
तुम भी सुनो उसने जो कह,,,,,,,,,,,,,,
तलाश करो कोई तुम्हे मिल जायेगा !
दोस्तों मैं क्या कहूँ, उन्हें,,,,,,,,??
हमारी तरह उन्हें कोन चाहेगा!
ज़रूर कोई चाहत भरी नज़रों से देखेगा उन्हें,
मगर आँखें हमारी तरह कहाँ से लायेगा यारों !
उनकी थोड़ी-थोड़ी सांसों के लिए ,,,,,,,,
हमने अपनी ज़िन्दगी बेचीं यारों !
परछाइयों से तंग आके उनके,
हमने अपनी रौशनी बेचीं यारों !
अब जाने भी दो यारों, अब तो
आँखों में मेरे बस आँसू ही रह गए,
वरना दुनियां वालों ने तो दोस्ती भी बेचीं यारों !!

Tuesday, September 4, 2012

उसने कहा.....................................????

उसने कहा अब तुममे पहले सी बात नहीं,
उसे क्या बताना जिंदगी में अब उसका साथ नहीं!

उसके सवाल तो देखो ?

उसने कहा अब भी किसी के आँखों में डूब जाते हो ?
उसे क्या बताना अब किसी की आँखों में वो बात कहाँ !

उसके  बेगरज सवाल तो सुनो ..?
उसने कहा क्यूँ टूट के तुमने चाहा मुझे ?

उसे क्या बताता मेरे वि सीने में दिल है,
मैं कोई पत्थर तो नहीं ......!
उसने कहा मैं वेवफा हूँ ...?
मैंने कहाँ व्फ्फा की मुझे अब तलाश कहाँ !

उसकी नादानी तो देखो।।।?

उसने कहाँ भूल जा मुझको
मैंने कहाँ तुम हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं ,
लोग तो ख्वाब नहीं भूलते मैं कैसे हकीकत को भूला दूँ !!