Monday, February 18, 2013

किस पे करूँ भरोसा ...................................!!!

क्या बताऊँ यारों अब बताने को कुछ भी नहीं,
ना अब वो दिन है ना वो रात ही रही !
अजीब सी उलझन में ज़िन्दगी उलझी है मेरी,
कभी गम है अपना साया तो कभी बेनाम सी ख़ुशी है,
ना अब वो हैं, ना वो अब मैं हूँ  !
किस पे करूँ भरोसा किस से करूँ शिकवा,
चाहा तो सभी ने पर अपने अपने ढंग से,
रंग तो गया मैं सभी से, पर उनके रंग से !

जाना नहीं  किसी ने मेरी क्या जमी है, क्या ख़ुशी है, 
सब नाम के ही हैं रिश्तें, बर्फ चेहरों पे जमी है, 
फिर भी मैंने तो निभाए सारे रिश्तें दिल-ओ-जां से !
दोस्तों देर से सही मगर.......
आज हमने भी जाना इस जहाँ को,
यही दास्तान-ए-जिंदगी है दुनियां लफ्जों से भरी है 
खुद को बना लो संगदिल यही सीखा हमने इस जहाँ से!

Saturday, February 16, 2013

ख्वाबों में मुलाक़ात तो हो जाती है ! .............................!



हाल-ए-दिल कब तक सूनाते रह गए उनको ,
रोज़ की तरह, रोज़ कोई न कोई नई बात हो जाती है!
 
गम सुनाने के लिए भी, एक और चाहिए हमें,
क्यूंकि फलक से भी अक्सर बरसात हो जाती है!


होती है सुबह फिर ये रात हो जाती है,
चलो अच्छा है सितारों से बात हो जाती है !
 

चाँद  भी हमसे मिलता, अक्सर सिर्फ आधा-आधा,
फिर भी अच्छा है अक्सर हमसे मुलाक़ात हो जाती !

रात की  चांदनी में, नींद का गलिव आ जाना,अक्सर
हसीन है, ख्वाबों में मुलाक़ात तो हो जाती है 

C-DAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर .........................!!

---------------------------------------------------------------------------


आओ सुनो CDAC के सॉफ्टवेर इंजिनियर के जीवन की कुछ सच्ची पंक्तियाँ!
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

रोड पे भी प्रोजेक्ट प्रोजेक्ट रटता जा रहा है,
देखो जरा प्रोजेक्ट के बोझ से दबा जा रहा है,
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

ज़िन्दगी से हार चुका है पर बग्स इसे हरा नहीं सकता है,
अपने एप्लीकेशन के एक एक लाइन इसे रटा हुआ है,
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

ये नींद में भी सोचता है अब टेक्निकल छोड़ देना है,
ये तो साइंटिस्ट से टेक्निकल ऑफिसर बनता जा रहा ह,
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !


कभी ये Kbps, Mbps से खुश था,
आज देखो इसे Gbps भी कम पड़ रहा है,
कभी टेरा-पेटा की भूख थी, आज देखो जेटा-योट्टा रटता  जा रहा है !
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

आज कौन से रंग के मोज़े पहने है, ये नहीं जानता है,
कभी P.O.C कभी T.O.T कभी M.O.M में उलझा रहता है,
दिन-पर-दिन एक एक्सेल फाइल बनाता जा रहा है,
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

दस हजार लाइन के कोड में error ढूंढ लेता है,
मगर दोस्तों की नम आँखे इसे दिखाई नहीं देती हैं,
कंप्यूटर पे हजार विंडोज खूले हैं, पर
दिल की खिड़की पे कोई दस्तक इसे सुनाई नहीं देता है,
ये सैटरडे- सन्डे में भी ऑफिस में पाया जाता है,
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

रात को  सोता नहीं, क्यूंकि Deadline इसे सता रहा है, 
कोडिंग करते करते पता नहीं इसे बग्स कब माँ बाप बन गए,
देखो इसे बग्स से पड़ेशान माँ बाप का फ़ोन काट रहा है,
किताबों में गुलाब रखने वाला ,सिगरेट के धुएं में खो गया
वो देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

दिल की ज़मीन से अरमानो की विदाई हो गई,
वीकेंड पे अकेले ही जशन मना रहा है,
वो  देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !

मज़े लेने हो इसके तो पूछ लो सैलरी कब बढ़ा रहा है,
हंसी उड़ानी हो तो पूछ लो "onsite" कब जा रहा है,
वो देखो "onsite" से लौटे दोस्तों की चोकलेट खा रहा है,
खर्चे बढ़ रहे हैं , बाल कम हो रहे हैं
लो फिर से बस छूट गई, ऑटो से आ रहा है !
वो  देखो CDAC का सॉफ्टवेर इंजिनियर जा रहा है !


Gopal Jee Mishra
CNIE , CDAC Bnagalore
gopaljee@cdac.in