करते हैं राज़ की बात मैं और मेरी तन्हाई !
दिन तो गुज़र ही जाता है औरों की भीड़ में
करते हैं बसर रात में मेरी तन्हाई !
साँसों का क्या भरोसा कब छोड़ जायें साथ
लेकिन रहेगे साथ मैं और मेरी तन्हाई !
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Beautiful yaadein |
आये ना तुम्हे याद कभी भूल कर भी,हम
करते हैं तुम्हे याद मैं और मेरी तन्हाई !
आ के पास क्यूँ दूर हो गए हम से,तुम
करते हैं तेरी तलाश मैं और मेरी तन्हाई !
तुम को रखेंगे साथ ज़न्नत बना के घर की
रह जायें फिर ना तनहा मैं और मेरी तन्हाई !
ये दील मुझ में है मेरा ना रहा
रह गए मैं और मेरी तन्हाई !
ये दील जो मुझ में है तेरा हो गया
रह गए तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !
रातों को जब तुम तकिये से लिपटी होती
तो हो जाता तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !
दील का क्या भरोसा कब कीसी और का हो जाये
हो जायेंगे फिर तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !
में और मेरी तन्हाई ...........mishra..................!
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