Friday, November 13, 2009

नकाब ..................

सोते हैं मेरे साथ तो,
हट कर ना सोइए!
वो साथ सोना भी क्या सोना,
अगर लिपट कर ना सोए !

डरता हूँ की कही ,माह
की नजर ना लग जाए !
सब को नकाब से
उलट कर ना सोइए!

Thursday, November 12, 2009

POEM

A lost little boy,
Alone in the sea.
A sad little soul,
That boy is me.



Nobody knew,
Nobody saw,
I never fought it,
I would fall.



Farther and farther,
Into the dark.
Falling fast,
The pain forever lasts.

yadein....................

आज सोचा तो आंसू भर आये
मुदत्ते हो गई मुस्कुराए !
हर कदम पर उधर मुर कर देखा
उनकी महफ़िल से हम उठ चले आये!

रह गई जिंदगी दर्द बनके
दर्द दिल में छुपाये छुपाये!
आज सोचा तो आंसू भर आये
मुदत्ते हो गई मुस्कुराए!

दिल की रगें टूटती है
याद इतना भी कोई ना आये!
आज सोचा तो आंसू भर आये
मुदत्ते हो गई मुस्कुराये!
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Jina to hai......

अब दुनिया का मुझको कोई पता तो दे
 मंजिल न दे सके रास्ता तो दे !


माना की सब रास्ते दुस्वार हैं ,मगर
जीना तो बहरहाल है ,होंसला तो दे !


मैं जनता हूँ ख्वाब तेरा सिर्फ ख्वाब है
मिलना ना हो नसीब मगर फासला तो दे!


कब तक ख्याल में बनता रहूँगा मीर
जो लूट गया था मेरा वो काफिला तो दे!


जो मर गया है मुझ में मेरा वो रूप था
बरसों गुजर गये हैं अब फातेहा तो दे!
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Monday, November 9, 2009

love forever............

तुम हमारे नहीं तो क्या गम है
हम तुम्हारे तो हैं ये क्या कम है!


मुस्कुरा दो जरा खुदा के लिए
समे महफ़िल में रोशनी कम है!


ये जिन्दगी बन गई  यादे अब तो
अब मैं यादों में ढूंढता हूँ तस्वीर तेरी!


 जिन्दगी कम है तो क्या गम है
खुद से बढ़ कर तेरा गम है अब तो!


तुम हमारे नहीं तो क्या गम है
हम तुम्हारे हैं ये क्या कम है!

About leader of india...in maithili

हे नेता जी अहाँ के प्रणाम

एक बेर नहि सत्त-सत्त बेर
करैत छी अहाँ के नित्य प्रणाम
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम

दू अक्षर सँ बनल ई नेता
देशक बनल अछि भाग्यविधाता
आई-काल्हि ओहा अछि नेता
जकरा लग अछि गुंडाक ठेका
जाल-फरेब फुसि में माहिर
घोटाला में सतत प्रधान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम

खादी कुरता नीलक छीटका
मुंह में चबेता हरदम पान
मौजा ऊपर नागरा जूता
उज्जर गमछा सोभय कान्ह
जखन देखू चोर-उच्चका
भरल रहै छैन सतत दलान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम

केने छैथ ई भीष्म प्रतिज्ञा
झूठ छोडि नहिं बाजब सत्य
हाथी दांतक प्रयोग कय के
मुंह पर बजता सबटा पद्य
कल-बल-छल के वल पर सदिखन
जीत लैत छैथ अप्पन मतदान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम

गाम विकाशक परम विरोधक
होबय नहि देता एकोटा काज
बान्ह-धूर स्कूल पाई सँ
बनबैत छैथ ओ अप्पन ताज
स्त्री शिक्षाक जँ बात करू तँ
मुईन लैत छैथ अप्पन कान
हे नेता जी अहाँ के प्रणाम
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selfe confidence

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है!
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है!
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती!




डुबकियां समंदर में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है!
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में!
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती!



असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.!
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम!
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती!
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