Friday, December 31, 2010

ओ कैसी पागल लड़की है ...............................................................................

अजब पागल सी लड़की है 
मुझे हर ख़त मैं लिखती है !


मुझे तुम याद करते हो ?
तुम्हे मैं याद आती हूँ ?
मेरी बातें तुम्हे सताती हैं ?
मेरी नींदें जगाती  हैं  ?
मेरी आंखें रुलाती हैं  ?


जेष्ट की सुनहरी धूप में अब भी ताकते हो
किसी खामोश रास्ते से कोईआवाज़ आती है!


इन्तहा सर्द रातों में तुम अब भी छत पर जाते हो, 
फलक के सब सितारों को मेरी बातें सुनाते हो !


किताबों से तुमहारे इश्क में कोई कमी आई,
या मेरी याद की सीद्दत से आँखों में नमी आई ?


अजब पागल सी लड़की है मुझे हर ख़त में लिखती है !!


जवाबों में मैं उस को लिखता हूँ !


मेरी मुस्रूफियत तो देखो सुबह से शाम 
ऑफिस में मैं चिराग-ऐ-उमर जलाता हूँ !


फिर वक़्त मिलता है तो दुनियां की कई  
मजबूरियां पाऊँ में बेरी ड़ाल रखती हैं !


बूझे बेफिक्र चाहत है, बड़े सपने नहीं आते, 
टहलने,जागने,रोने की मोहल्लत नहीं मिलती !


सितारों से मिले तो अरसा हो गया,
नाराज़ हो शायद ! 


किताबों से दोस्ती मेरी अभी वैसे ही कम है, 
फर्क अब इतना है उन्हें अब अरसों में पढ़ता हूँ !


तुम्हे किस ने कहा पगली तुम्हे मैं याद करता हूँ ?


की मैं खुद को भुलाने की मुस्तकिल जुस्तजू है,
मगर यह जुस्तुजू मेरी बहुत नाकाम रहती है !


तुम्हे किस ने कहा पगली तुम्हे में याद करता हूं ? 


मेरे दिन रात में अब भी तुम्हारी शाम रहती है, 
मेरे लफ्ज़ो की हर माला तुम्हारे नाम रहती है !


तुम्हे  किस ने कहा पगली तुम्हे मैं याद करता हूँ ?


पुरानी बातें है जो लोग अक्सर गुनगुनाते हैं,
उन्हे हम याद करते है जिन्हे हम भूल जाते है !


तुम्हे दील से भुलाऊँ ,तो तुम्हारी याद आए ना ?


तुम्हे दिलसे भुलाने की मुझे फुर्सत नहीं मिलती,और
इस मसरूफ जीवन मैं तुम्हे ख़त का एक जुम्ला,
तुम्हे  मेरी  याद  आती  है ?


मेरी चाहत की सिद्त्त, मैं कमी होने नहीं देता 
बहुत रातें जगाता है मुझे सोने नहीं देता ,
अगली बार अपने ख़त में यह जुम्ला नहीं लिखना !


अजब पागल सी लड़की है मुझे फिर भी यह लिखती है !


मुझे तुम याद करते हो, तुम्हे मेरी याद आती है? 
मुझे तुम याद करते हो, तुम्हे मेरी याद आती है? 
मुझे तुम याद करते हो,तुम्हे मेरी याद आती है? 


ओ कैसी पागल लड़की है,मुझे फिर भी लिखती है ,
ओ एक पागल लड़की है मुझे फिर भी लिखती है !
अजब पागल लड़की है, मुझे हर ख़त में लिखती है !
मुझे तुम याद करते हो , तुम्हे मेरी याद आती है ?
.......................mishra ......................................!!

मैं और मेरी तन्हाई ............................................................................

रहते हैं साथ-साथ मैं और मेरी तन्हाई 
करते हैं राज़ की बात मैं और मेरी तन्हाई !


दिन तो गुज़र ही जाता है औरों की भीड़ में
करते हैं बसर रात में मेरी तन्हाई !


साँसों का क्या भरोसा कब छोड़ जायें साथ 
लेकिन रहेगे साथ मैं और मेरी तन्हाई !
Beautiful yaadein


आये ना तुम्हे याद कभी भूल कर भी,हम 
करते हैं तुम्हे याद मैं और मेरी तन्हाई !


आ के पास क्यूँ दूर हो गए हम से,तुम 
करते हैं तेरी तलाश मैं और मेरी तन्हाई !


तुम को रखेंगे साथ ज़न्नत  बना के घर की 
रह जायें फिर ना तनहा मैं और मेरी तन्हाई !


ये दील मुझ में है मेरा ना रहा 
रह गए मैं और मेरी तन्हाई !


ये दील जो मुझ में है तेरा हो गया 
रह गए तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !



रातों को जब तुम तकिये से लिपटी होती 
तो हो जाता तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !


दील का क्या भरोसा कब कीसी और का हो जाये 
हो जायेंगे फिर तन्हा मैं और मेरी तन्हाई !


में और मेरी तन्हाई ...........mishra..................!

""हुस्न जब मेहरबान हो"" ..........................................................................

हुस्न जब मेहरबान हो, तो क्या कीजिये 
इश्क की मगफिरत की दुआ कीजिये !


(Magfirat: pardon)


इस सलीके से उनसे गिला कीजिये 
जब गिला कीजिये हँस दिया कीजिये !


Love 4 each other
दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिये 
सामने आईना रख लिया कीजिये !


(Tabsiraa : criticism)


आप सुख से हैं, तर्क-ऐ-ताल्लुक के बाद 
इतनी जल्दी ना ये फैसला कीजिये !


कोई धोखा ना खा जाए मेरी तरह 
ऐसे खुल के ना सबसे मिला कीजिये !
हँस के सब से मिला कीजिये ---------!


............MISHRA ...............!

Friday, December 17, 2010

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये...............!!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये ,
दोस्त भी दील ही दुखाने आये !



फूल खिलते हैं तो,हम सोचते हैं ,
अब तेरे हुस्न में निखर आये ,
तेरे आने के शाम आये !

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

ऐसे कोई छुपने से लगते हैं, जैसे
हम उन्हें दर्दे हाल अपनी सुनाने आये !!

इश्क तन्हा है सर-ऐ-मंजिल-ऐ-गम ,
कौन ये बोझं उठाने आये !!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

अजनबी क्यूँ हो जाते?दोस्त हमें देख के,
हम कुछ तुझे याद दिलाने आये !!

दील धक्–धक् धधकता है ,
सफ़र के हंगामे सोच कर,
काश फिर कोई बुलाने आये !!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

अब तो रोने से भी दील दुखता है,
शायद अब होश ठिकाने आये !!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

क्या कहीं फिर कोई बस्ती उजड़ी,
लोग क्यूँ-न-जाने जशन मनाने आये !!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

सो रहा मौत के पहलुओं में "फ़र्ज़",
नींद किस वक़्त ना-जाने आये ,
रात किस वक़्त ना-जाने आये!!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये !!

अब तो इंतजार है,बुलबुल की चू-चू की,
सुबह किस वक़्त ना जाने आये .......!!
दोस्त किस वक़्त ना-जाने आये.......!!

हम तो तेरी बातें ही सुनाने आये .....!!

Wednesday, December 15, 2010

KOI TO MILE..................

मन्न  में उमंग सी उठी ही , 
दील की बात कीसी से कहने की, मगर
चमन मे भूल से कोई तो राजदार  मीले !!

कोई तो हो जो अपने लीए भी बेकरार मीले ,
सीत्मगीरी तो बहूत है जहां में ऐ दोस्त ,
कबी तो तेरी नज़र में मेरा खुमार मीले !!

ज़माने वालों ने समझा है बेवफा मुझको,
फूल बोये थे हमने ,बदले में कहर मीले
वो एक शख्स जीसमे चाह थी अपनी,
फ़क़त वही ना मीला, लोग बेशुमार मीले !!

वो मेरा दोस्त भी और जफाखाश भी है,
उसके दील में मेरी खातीर कोईहीसार मीले !!

मेरा कातील कोई दुश्मन को  समझता था मैं,
ढूँढने नीकला तो रस्ते में मेरे यार मीले !!

इस भरी-भीड़ मे मै तनहा  हूँ ,
जब  मीला है कोई ! उसको  बेकरार  मील !! 

जब मीले  कोई तो बेशुमार मील ............!!
जब  मीले कोई तो प्यार से मील ...........!!

Tuesday, December 14, 2010

Believe in yourself!!! without expecting from other!!

I have learned,
I came alone and,
I have to go alone!!


I have learned, 
People are with you,
Only when they need you!!


Not otherwise!


I have learned,
Extra care of anyone by you,
Will ultimately bring a blame on you!!


Not appreciation! 


I have learned ,
A simple lie by your close one,
Can break you more than anything!!


Ultimately.. I have learned, 
Love yourself & Love people, but


Only if you can do it,
Without expecting anything from them!!


As I Think.....



Give respect to people,
they will return to you!

So, y not I start 1st......