अब दुनिया का मुझको कोई पता तो दे
मंजिल न दे सके रास्ता तो दे !
माना की सब रास्ते दुस्वार हैं ,मगर
जीना तो बहरहाल है ,होंसला तो दे !
मैं जनता हूँ ख्वाब तेरा सिर्फ ख्वाब है
मिलना ना हो नसीब मगर फासला तो दे!
कब तक ख्याल में बनता रहूँगा मीर
जो लूट गया था मेरा वो काफिला तो दे!
जो मर गया है मुझ में मेरा वो रूप था
बरसों गुजर गये हैं अब फातेहा तो दे!
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