जुदा होके उनसे हम बिखर से गये,
बिखरे आंसू के मोती हम पिरो ना सके,
तेरी याद में सारी रात सो ना सके !
वो मील जाते हैं कहानी बनकर
दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर!
जिन्हें हम रखते हैं अपनी आखो में
क्यूँ निकल जाते हैं वो पानी बनकर?
ख्यालों को किसी आह्ट की आस रहती है
निगाहों को तेरी तलाश रहती है !
तेरे बिना कोई कमी नहीं लेकिन
तेरे बगैर तबियत उदास रहती है!
समझा ना कोई दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिन सोचे ही दे दिया!
सह गए जो हम अगर दर्द को चुपके से,
तो फिर हमको पत्थर दिल कह दिया!
अगर हम ना होते तो गज्ज़ल कोन कहता,
आपके चेहरे को कोमल कोन कहता !
ये तो करिश्मा है मोहब्बत का,
वर्ना पत्थर को ताज-महल कोन कहता!
दर्द से दोस्ती हो गयी यारों,
ज़िन्दगी बेदर्द हो गयी यारों !
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रौशनी तो हो गयी यारों !
........................Mishra......................................!
बिखरे आंसू के मोती हम पिरो ना सके,
तेरी याद में सारी रात सो ना सके !
बह ना जाये आंसू में तस्वीर तेरी
बस यही सोच कर हम रो ना सके !वो मील जाते हैं कहानी बनकर
दिल में बस जाते हैं निशानी बनकर!
जिन्हें हम रखते हैं अपनी आखो में
क्यूँ निकल जाते हैं वो पानी बनकर?
ख्यालों को किसी आह्ट की आस रहती है
निगाहों को तेरी तलाश रहती है !
तेरे बिना कोई कमी नहीं लेकिन
तेरे बगैर तबियत उदास रहती है!
समझा ना कोई दिल की बात को,
दर्द दुनिया ने बिन सोचे ही दे दिया!
सह गए जो हम अगर दर्द को चुपके से,
तो फिर हमको पत्थर दिल कह दिया!
अगर हम ना होते तो गज्ज़ल कोन कहता,
आपके चेहरे को कोमल कोन कहता !
ये तो करिश्मा है मोहब्बत का,
वर्ना पत्थर को ताज-महल कोन कहता!
दर्द से दोस्ती हो गयी यारों,
ज़िन्दगी बेदर्द हो गयी यारों !
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रौशनी तो हो गयी यारों !
........................Mishra......................................!
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