Thursday, January 31, 2013

मैं कहाँ खो गया........................................ !!

क्या बताऊँ दोस्तों मैं कहाँ खो गया इस भीड़ में 
मौसम तो आज भी सुन्हेरा है मगर हाल खो गया ,
वो रोब-ओ-दबदबा, वो सूरते आलम खो गया !
वो हुस्न बे मिसाल, वो जमाल(beauty) खो गया 
डूबे हैं जवाबों में पर सवाल खो गया,
क्या बताऊँ दोस्तों मैं कहाँ खो गया !
उरते जो फिजाओं में थे रफ़्तार न रहे !
उनका क्या बताऊँ मैं, वो दिन ना रहे, 
उनका वो अंदाज़-ऐ बेमिसाल खो गया.
ना ज़मीन रहा, ना वो लोग रहे !
क्या बताऊँ दोस्तों मैं कहाँ खो गया ....?

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