सुनो ए चाँद सी लड़की ....
अभी तुम तितलियाँ पकड़ो,
या फिर मासूम सी आँखों से,
ढेरों सारा ख्वाब देखो तुम !!
ढेरों सारा ख्वाब देखो तुम !!
फ़र्ज़-ओ-फैज़-ओ-मोहसिन,
की किताबें मत अभी पढना,
की किताबें मत अभी पढना,
ये सब शब्दों के साहिर हैं !!
ये तुम्हें उल्झा के रख देंगी,
अभी तुम्हें मालूम ही कहां है !!
अभी तुम नहीं जानती ये मुहब्बत के शब्दों में
हवस और हिज्र होती है, जो तुम्हे तोड़ देगी !
ऐ चाँद सी लड़की ........
ऐ चाँद सी लड़की ........
ये इंसानों की बनाई दुनियां है,
मगर इन से कहीं बढ़ कर
यहाँ वहशी-दरिन्दे बस्तें हैं !
ये वो वहशी-दरिन्दे की बस्ती हैं,
जिन की आँखों में मचलते प्यार हैं!
मगर इस मचलते प्यार के पीछे,
जिन की आँखों में मचलते प्यार हैं!
मगर इस मचलते प्यार के पीछे,
हवस और हिज्र के शिवा कुछ नहीं होता है !
प्यार तो सिर्फ इनके आँखों में होता है दिखाने के लिए,
प्यार तो सिर्फ इनके आँखों में होता है दिखाने के लिए,
अभी तुम नहीं जानते इन्हें, अभी तुम्हारी उम्र ही क्या है !!
तुम्हे क्या पता हवस और प्यार के बीच की वो संगीन दूरियां,
ऐ चाँद सी लड़की अभी दूर ही रहो इस दुनिया से तुम !!अभी काची कली हो तुम,
अभी काँटों से मत खेलो!!
अभी अपनी हथेली पर,
किसी का नाम मत लिखो !!
अभी अपनी किताबों में,
गुलाबी पंखरियाँ मत रखो !
अभी शेरों-सायरी में मत उलझो तुम,
अभी तो तुम्हारी सारी उम्र बांकी है !!
अभी तो तुम्हारे दुपट्टे सम्मभालनें के दिन हैं,
अभी से इसे मत गिराओ तुम, ऐ चाँद सी लड़की
अभी खुद को सम्भालो तुम !!
अभी से इसे मत गिराओ तुम, ऐ चाँद सी लड़की
अभी खुद को सम्भालो तुम !!
अभी मत गुनगुनाओ तुम,
अभी मत सुनाओ तुम !!
अभी मत सुनाओ तुम !!
अभी से इश्क मत सोचो तुम,
अभी तुम्हारी उम्र क्या है,
ऐ चाँद सी लड़की !!
अभी मत जागो रातों को, ये रात बहुत तन्हा होती है,
ये तुम्हे तन्हाईयों के सिवा कुछ और क्या देगा !!
चन्द तारों के भीड़ में तुम्हे लगेगा सकूँ मिल रहा है,
मगर तुम अभी क्या जानो, ये तन्हा तारें तुम्हे और तन्हा कर देगा !
जा के पूछो किसी मुहब्बत करने वालों से,ऐ चाँद सी लड़की,
अभी मत जागों रातों को ,ऐ चाँद सी लड़की !!
अभी तुम क्या जानती हो मुहब्बत की दुनियां को,
जा के पूछो इस दुनियां में रहने वालों को, ये
दुनिया वाहर से जितनी तुम्हे रंगीन दिखती है,
उतनी ही ये उल्ल्झी है गमें-सीत्म्मगीरी से !!
ऐ चाँद सी लड़की अभी तुम दूर ही रहो,
इस मुहब्बत की दुनियां से अभी उम्र ही क्या है !!
ये तुम्हे तन्हाईयों के सिवा कुछ और क्या देगा !!
चन्द तारों के भीड़ में तुम्हे लगेगा सकूँ मिल रहा है,
मगर तुम अभी क्या जानो, ये तन्हा तारें तुम्हे और तन्हा कर देगा !
जा के पूछो किसी मुहब्बत करने वालों से,ऐ चाँद सी लड़की,
अभी मत जागों रातों को ,ऐ चाँद सी लड़की !!
अभी तुम क्या जानती हो मुहब्बत की दुनियां को,
जा के पूछो इस दुनियां में रहने वालों को, ये
दुनिया वाहर से जितनी तुम्हे रंगीन दिखती है,
उतनी ही ये उल्ल्झी है गमें-सीत्म्मगीरी से !!
ऐ चाँद सी लड़की अभी तुम दूर ही रहो,
इस मुहब्बत की दुनियां से अभी उम्र ही क्या है !!
अबी सब भूल जाओ तुम,
सुनो ऐ चाँद सी लड़की !!
..........Mishra...........!!
This post is dedicated to
one of my good friend!
Now days she's searching
4true love..........!!
..........Mishra...........!!
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