Friday, December 31, 2010

""हुस्न जब मेहरबान हो"" ..........................................................................

हुस्न जब मेहरबान हो, तो क्या कीजिये 
इश्क की मगफिरत की दुआ कीजिये !


(Magfirat: pardon)


इस सलीके से उनसे गिला कीजिये 
जब गिला कीजिये हँस दिया कीजिये !


Love 4 each other
दूसरों पर अगर तब्सिरा कीजिये 
सामने आईना रख लिया कीजिये !


(Tabsiraa : criticism)


आप सुख से हैं, तर्क-ऐ-ताल्लुक के बाद 
इतनी जल्दी ना ये फैसला कीजिये !


कोई धोखा ना खा जाए मेरी तरह 
ऐसे खुल के ना सबसे मिला कीजिये !
हँस के सब से मिला कीजिये ---------!


............MISHRA ...............!

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