Wednesday, December 15, 2010

KOI TO MILE..................

मन्न  में उमंग सी उठी ही , 
दील की बात कीसी से कहने की, मगर
चमन मे भूल से कोई तो राजदार  मीले !!

कोई तो हो जो अपने लीए भी बेकरार मीले ,
सीत्मगीरी तो बहूत है जहां में ऐ दोस्त ,
कबी तो तेरी नज़र में मेरा खुमार मीले !!

ज़माने वालों ने समझा है बेवफा मुझको,
फूल बोये थे हमने ,बदले में कहर मीले
वो एक शख्स जीसमे चाह थी अपनी,
फ़क़त वही ना मीला, लोग बेशुमार मीले !!

वो मेरा दोस्त भी और जफाखाश भी है,
उसके दील में मेरी खातीर कोईहीसार मीले !!

मेरा कातील कोई दुश्मन को  समझता था मैं,
ढूँढने नीकला तो रस्ते में मेरे यार मीले !!

इस भरी-भीड़ मे मै तनहा  हूँ ,
जब  मीला है कोई ! उसको  बेकरार  मील !! 

जब मीले  कोई तो बेशुमार मील ............!!
जब  मीले कोई तो प्यार से मील ...........!!

1 comment:

Anonymous said...

sir, realy awesome, dino din aapke blogs ki quality badhti ja rahi hai....
currently is blog me ek word samajh nai aaya.....what is सीत्मगीरी...
mast hai, no doubt, likhte rahiye....
aur han itna dard kahan se late hai....kya realy koi hai aisa....

trully appriciating...
$$$ shiva $$$